श्याम की आशिकी का नशा कीजिये,
स्वर्ग में जिंदगी को सजा लीजिये,
मर का सागर भरा श्याम के नैन में,
नैन में डूभ कर दिल डूबा लीजिए,
श्याम की आशिकी का नशा कीजिये,
श्याम की मैं से बढ़ कर कोई मैं नहीं,
पेग पे पेग पी कर मजा लीजिये,
श्याम की आशिकी का नशा कीजिये,
इसमें पानी मिलाना मुनासिब नहीं,
वक़्त का रस जरा सो मिला लीजिये,
श्याम की आशिकी का नशा कीजिये,
जब अनाड़ी पता उचे मेह्खाने का,
धाम खाटू का गुण गुण बता दीजिये,
श्याम की आशिकी का नशा कीजिये,