( भादव मास अष्टमी तिथि।
बुध्द दिन सुदिन भेलै रे।
ललना रे रैत अन्हरिया भेलै त
कृष्ण जी जनम लेल रे। )
गोकुला में बाजे बधईया नंद जी मगन भेला रे,
ललना रे यशोदा जी गोदिया खेलाबै,
मन हर्षित भेल रे....
सखी सब मंगल गाबय हिया हुलसाबय रे,
ललना रे चहूं दिस नौबत बाजय,
बंदी यस गबैय रे....
प्यासा पागल सोहर गाबय,
गाबि के सुनाओल रे,
ललना रे सुर मुनि फूल बर्साबै,
जय जय सुनाबय
जय जय सुनाबाय रे....