ये दुनिया अनोखी है, मुखड़ा पहने चेहरा,
मिली बड़े नसीबो से मेरे बाबा की सेवा....
जग में जहां भी निकाला मेने ठोकर ही खाई,
अंधा था बाबा मैं, लठिया कही ना पाई,
अंधे की लाठी बन बाबा मेरे संग बैठा,
मिली बड़े नसीबो से....
पागल था मैं तो रे इस जूठी दुनिया में,
खो गया था मैं तो रे इस भुलभुलैया में,
संभाल लेगी मुझको तेरे नाम की नैया,
मिली बड़े नसीबो से....
ये श्याम नाम का गुण मीरा ने भी गाया,
मिल गई उसे प्यारे तेरे नाम की छाया,
इस पंकज को भी गिरधर दे चरणों में डेरा,
मिली बड़े नसीबो से....
अब समझ गया पंकज ये दुनिया छलावा है,
यहां कुछ नही मेरा सब झूठा दिखावा है,
मुंह गाए अब बाबा तेरे नाम का टेरा,
मिली बड़े नसीबो से....