( दीनानाथ अनाथ का भला मिला संजोग,
तारोगे नहीं अब श्याम तो हंसी करेंगे लोग। )
बाबा खाटूवाले मेरे श्याम सरकार,
हारे के सहारे मेरी सुनले पुकार......
खाटू में बाबा तेरो बंगलो है भारी,
ध्वज लहरावे ऊँचे महल अटारी,
सूरत पे तेरी सब बलिहारी जावे,
तीन बाणधारी का कोई पार ना पावे,
द्वारे तेरे आया मैं सब कुछ हार,
हारे के सहारे मेरी सुनले पुकार......
साँसों में मेरी बाबा सुमिरन तुम्हारा,
हाथ पकड़ लो बाबा तुम ही सहारा,
पलकों मणि हर पल झलके चेहरा तुम्हारा,
मांझी तुम्ही हो बाबा तुम्ही किनारा,
जीवन नैया तुम हो और तुम ही खेवनहार,
हारे के सहारे मेरी सुनले पुकार.....
करुणा दया का दरिया हम पे बहा दो,
शरणागत को बाबा हिवड़े से लगा लो,
चंचल मन को सच्चा रस्ता दिखा दो,
भटके हम भक्तों को चलना सीखा दो,
नज़र इधर भी कर दो हम करते इंतज़ार,
हारे के सहारे मेरी सुनले पुकार......