शिव पार्वती के संग पड़ेगी कैसे हरे हरे पड़ेगी कैसे भाँवरिया॥
पहली भाग कैसे होंवे पंडित नहीं है साथ,
शंकर जी जब कहने लगे रावण को लाओ रे बुलाया,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
दुजी भंवर कैसे होवे एक पुरुष दोनार,
शंकर जी जब कहने लगे गंगा को देओ रे उतार,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
तीजी भावर कैसे होवे मात-पिता नहीं पास,
शंकर जी यू कहने लगे ब्रह्मा को लाओ रे बुलाए,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
चौथी पावर कैसे होवे दो हैं पुरुष एक नार,
शंकर जी यू कहने लगे चंदा को देवो रे उतार,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
पांचवी भंवर कैसे हो गए कोई बराती ना साथ,
शंकर जी यू कहने लगे भूतों को लाओ रे बुलाए,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
छठ विभाग और कैसे हो गए बाजा नहीं है साथ,
शंकर जी जब कहने लगे तो लियो रे बाजाय,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....
सातवीं भावर कैसे हो गए कोई सवारी ना साथ,
शंकर जी जब कहने लागे नंदी को लेओ रे बुलाय,
पड़न लागी हरे हरे पड़न लागी भाँवरिया,
शिव पार्वती के संग.....