टीटूडी टीटावत बोली भारत मंड गयो भारी रे,
भारत म भंवरी का अंडा बचा लिया बनवारी रे,
तेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे....
मंझारी सूत दियो अगन में भांडा घडत कुम्हारी रेे,
पांचू भांडा काचा रेग्या खेलत फिरत मंझारी रे,
तेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे....
द्रोपद चीर दुशासन खेंच्यो बा पंडवा की नारी रे,
खेंचत खेंचत हारयो दुशासन बढ़ ग्यों चीर हजारी रे,
तेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे....
इन्द्र कोप कियों बृज ऊपर बरखा बरसे भारी रे,
बांये नख पर गिरवर धारयो बचा लयी बृज सारी रे,
तेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे....
ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे नरसी की हुण्डी स्वीकारी रे,
दोय कर जोड़ "शिवदत्त" जी गावे राखों लाज हमारी रे,
तेरे बिना मेरी कोंन खबर ले सांवरा गिरधारी रे.....