श्रद्धा बिन श्याम मिले ना यह जान ले प्यारे,
है भाव का भूखा सांवरिया पहचान ले प्यारे॥
रीझे ये चुल्लू जल पे बिक जावे,
तुलसीदल पे बनकर के मांझी बाबा खड़ा रहता है साहिल पे,
जो सच्चे मन से ओ जो सच्चे मन से इनको अपना मान लें प्यारे....
कहीं भाती बनकर आए कहीं भाती भोग लगाएं,
कहीं छीन सुदामा की गठरी ये चावल खड़ा चबाएं,
ये छम छम नाच दिखाय भगत पर ठान ले प्यारे....
हारे के श्याम सहारे कहते हैं दुनियावारै,
सदा दीनहीन भगतो के बाबा ने संकट टारे,
मेरे श्याम धनी से गीता का कुछ ज्ञान ले प्यारे....
गंगा बन चरन दबाए रणछोड़ कहीं कहलाए,
अपना प्रण बेशक टूटे पर भक्त का मान ना जाए,
आया है किशन से दर्शन का अरमान ले प्यारे,
श्रद्धा बिन श्याम मिले ना यह जान ले प्यारे.....