जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
उस संकट को हरने बाबा तुही आया है……
श्री श्याम बहादुर जी दर्शन को आये जी,
दरबार तेरे के श्याम ताले बंधवाये थे,
तू मोर छड़ी बनकर तुहि तो आया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है……
माँ के वचनो का श्याम तूने मान बढ़ाया था,
उस वचन के खातिर तो ये शीश गवाया था……
जग में तुम जैसा श्याम कोई हो नहीं पाया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है……
रो रो रोकर जब भी श्याम मैंने तुमको बुलाया है,
तू खाटू से बाबा मिल ने चला आया है……
चन्दन के अश्को का तूने मोल बढ़ाया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है……
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
जब भी तेरे भक्तो पे कोई संकट आया है,
उस संकट को हरने बाबा तुही आया है……