मुरली बजा के मोहना क्यों कर लिया किनारा,
अपनों से हाय कैसा व्यवहार है तुम्हारा,
मुरली बजा के मोहना.....
ढूंढा गली गली में ढूंढा डगर डगर में,
मन में यही लगन है दर्शन मिले दोबारा,
मुरली बजा के मोहना....
मधुबन तुम ही बता दो मोहन कहां गया है,
कैसे झुलस गया है कोमल बदन तुम्हारा,
मुरली बजा के मोहना.....
यमुना तुम ही बता दो छलिया कहां गया है,
तू भी छली गई है कहती है नील धारा,
मुरली बजा के मोहना....
तड़पे है तेरी गैया रोता है ब्रज यह सारा,
अपना बना के हमको क्यों कर गए किनारा,
मुरली बजा के मोहना.....