मैं भूखा हु भाव का

मैं भूखा हु भाव का मांगू छप्पन भोग नहीं,
जिनके मन में भाव नहीं वो मेरे लायक लोग नहीं,

लेकर झंडा पैदल चल कर आते खाटू धाम रे,
रहे जिगर में दवेश भावना मुख पर जय श्री राम रे,
दिल में सच्चा भाव भरे बिन दर्शन का सहजोग नहीं,
जिनके मन में भाव नहीं वो मेरे लायक लोग नहीं,

सारा खेल भाव का भाव बिना न भगये बनता रे,
खरे भाव के कारण मिटी सुदामा की निर्धनता रे,
ढोंग कपट आडम्बर जैसा असल वयंकर रोग नहीं,
जिनके मन में भाव नहीं वो मेरे लायक लोग नहीं,

कहे ॐ गुरु जब तक न होगी भरी भावना,
भाव से रह जाओगे वंचित मेरी करुणा रुपी छाव से.
तेरी कलम का भाव बिना रम दन सच्चा उपयोग नहीं,
जिनके मन में भाव नहीं वो मेरे लायक लोग नहीं,
download bhajan lyrics (682 downloads)