जब भी मुझपे पड़ी मुसीबत आता है तू दौड़ के,
शुकर करूँ तेरा खाटूवाले दोनों हाथ मैं जोड़ के....
हार रहा था जब मैं बाबा तूने साथ निभाया था,
बेगाना समझा था जग ने तूने अपना बनाया था,
हर पल मेरे साथ तू रहना कभी ना जाना छोड़ के,
शुकर करूँ तेरा खाटूवाले दोनों हाथ मैं जोड़ के....
कितनी विपदा चाहे कड़ी हो मुझको नहीं सताती है,
जब तेरी मोरछड़ी की छाया मेरे सिर लहराती है,
तेरे रहते कोई नहीं है जो मुझको फिर तोड़ दे,
शुकर करूँ तेरा खाटूवाले दोनों हाथ मैं जोड़ के.....
जीवन में अब ना कुछ ना चहुँ कोई ना अब दरकार है,
तेरी कृपा जो बरस रही है मुझपे अपरम्पार है,
थामे रहना हाथ हरी अब जीवन के हर मोड़ पे,
शुकर करूँ तेरा खाटूवाले दोनों हाथ मैं जोड़ के.....