आप आए नहीं और खबर ही ना ली,
खत लिख लिख के भेजे तमाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम....
हम तो हुए हैं कान्हा तेरे ही दीवाने,
चाहे तू माने या चाहे ना माने,
आंखों में छाए मेरे दिल में समाए,
बस होठों पर है तेरा नाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम....
संग की सखियां हुई तेरी ही दीवानी,
दिन रात रोती वहे आंखों से पानी,
देती सुनाई हमें मुरली सुहानी,
गीत छेड़े बिरह के तमाम,
सुध ले लो मेरी घनश्याम....