मेरी एड़ी रोज खुजाए, खुजाए,
मोहे लगन लगी मां के दर्शन की....
एक लड़का मिल गया कुम्हार को,
मोहे कलश थमा गए हो माटी को,
मैंने दिए कलश भरवाए, भरवाए,
मोहे लगने लगी मां के दर्शन की.....
एक लड़का मिल गया माली को,
मोहे हार थमा गया फूलन को,
मैंने मैया जी को दिए पहनाए, पहनाए,
मोहे लगने लगी मां के दर्शन की.....
एक लड़का मिल गया बजाज को,
मोहे चुनरी दे गया गोटे की,
मैंने मैया जी को दई उढ़ाये, उढ़ाये,
मोहे लगने लगी मां के दर्शन की.....
एक लड़का मिल गया सुनार को,
मुझे पायल दे गयो चांदी की,
मैंने मैया जी को दई पहनाए, पहनाए,
मोहे लगन लगी मां के दर्शन की....
एक लड़का मिल गया हलवाई को,
मुझे हलवा दे गया सूजी को,
मैंने मैया जी को दिए खिलाऐ, खिलाऐ,
मोहे लगन लगी मां के दर्शन की.....