सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़ी हूँ शरण तुम्हारी…..
निस दिन तेरी जोत जागो,
पल पल मैं तेरी राह निहारु,
तेरे दरस को नैना तरसे,
आँखों से आंसू मेरे बरस,
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़ी हूँ शरण तुम्हारी,
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़े है शरण तुम्हारी......
आज मेरी आस न टूटे,
मेरा ये विश्वास न टूटे,
लाखों की तूने बिगड़ी बनाई,
मैं दुखियारी दर पे आयी,
दर पे आयी..
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़ी हूँ शरण तुम्हारी,
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़े है शरण तुम्हारी…..
सारे जग के हम है सताए,
भक्त तेरे है दर पे आये,
आये है जब से शरण तुम्हारी,
हे जग जननी माँ कल्याणी,
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़ी हूँ शरण तुम्हारी,
सुन ले विनती हे महारानी,
आन पड़े है शरण तुम्हारी………