भोले जी मोहे ले चल अपने धाम,
जहां बिराजे गौरा रानी और गजानंद सरकार,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....
शिव भोले के जटा बिराजे,
उनकी जटा से बहती रहती निर्मल गंगा धार,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....
गले भोले के मुंडो की माला,
उनके गले में लिपटा रहता विषधर काला नाग,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....
हाथ भोले के कमंडल सोहै,
उनके हाथ में डमरू बजता नाच रहा संसार,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....
पाव भोले के खड़ाऊ बिराजे,
उनके पैरों में बजती रहती घुंघरू की झंकार,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....
संग भोले के नंदी सोहै,
बाएं अंग में गोरा सोहै,
उनकी गोदी में बैठे हैं गजानंद सरकार,
भोले जी मोहे ले चल अपने धाम.....