हरे कृष्णा का जप करले तू जीवन भर सुख पायेगा,
राधे राधे बोल तू प्यारे जन्नत में खो जायेगा,
वरना इस जहाँ से तू प्यारे क्या मुंह लेकर जायेगा.....
चरणों में इनके शीश झुका के दिल में बसा लो भक्ति,
फिर न ऐसा मिलेगा मौका दुखों से पा लो मुक्ति,
कान्हा का तू ध्यान करले मुक्ति से तर जायेगा,
वरना इस जहाँ से तू प्यारे क्या मुंह लेकर जायेगा.....
अपने सुखो को औरों में बांटो इससे बड़ा कोई धर्म नहीं,
निर्धन की जो सेवा करता ना इससे बड़ा कोई करम है,
प्रेम की पहचान करले पत्थर भी माँ बन जायेगा,
वरना इस जहाँ से तू प्यारे क्या मुंह लेकर जायेगा.....
होके मगन तू खुद को बचाले अर्पण कर साड़ी उमरिया,
बदले में तुझे फूल मिलेंगे देख ले चाहे इसका नजरिया,
राजा गोहर दास बना सारी उम्र गुण जाएगा,
वरना इस जहाँ से तू प्यारे क्या मुंह लेकर जायेगा.....