तुम ब्रह्माणी तुम रूद्राणी
तुम कमला रानी
अप कमला रानी
आगम निगम बखानी
वेद पुराण बखानी माँ
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी......
चौंसठ योगिनी मंगल गावत
नृत्य करत भैरों
हो अम्बे नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा
बाजत ढोल मृदंगा
और बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी.....
तुम ही जग की माता
तुम ही हो भरता
हो अम्बे अप ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता माँ
सन्तन की दुख हरता
सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी…….
भुजा चार अति शोभित
वर मुद्रा धारी
हो अम्बे वर मुद्रा धारी
मनवांछित फल पावत
मन इच्छा फल पावत
सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी…..
हम अति दिन दुखी माँ
विपत्ति जाल घेरे
हो मय्या विपत्ती जाल
है कपूत अति कपटी
है कपूत अति कपटी माँ
पर बालक तेरे
ॐ जय अम्बे गौरी ॥
निज स्वभाव वश जननी
दया दृष्टि कीजे
हो अम्बे कृपा दृष्टि कीजे
करुणा कर करुणामय
ममता कर ममतामय
अपनी शरण दीजे
ॐ जय अम्बे गौरी.....
कंचन थाल विराजत
अगर कपूर बाती
हो मैय्या अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत
इन्दौर नगर में विराजत
कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी…….
माँ अम्बे जी की आरती
जो कोइ नर गावे
हो मैय्या जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी
मन भजत हरे हर स्वामी
मनवांछित फल पावे
ॐ जय अम्बे गौरी…...
जय अम्बे गौरी
हो मैया जय श्याम प्यारी
हो मैय्या जय मंगल मूर्ति
हो मैय्या जय आनंद करनी
हो मैय्या जय संकट हरनी
हो मैय्या जय दुष्टन हरनी
हो मैय्या जय सर्वशक्ति माँ
तुमको निशदिन ध्यावत
मय्या जी को हर दिन सेवत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
ॐ जय अम्बे गौरी.....
श्री राजराजेश्वरी जगजननी माँ परम्बाललिता महात्रिपुरा सुंदरी श्री सर्वशक्ति बिजासन रानी की जय