तेरा प्यार मिला,
जाने किये क्या करम थे हमने जो,
ये दरबार मिला
मुझ जैसे नालायक को प्रभु ,
तेरा प्यार मिला......
मैं आया था लेकर दर पे, दर्द भरी आहें,
पर तुमने जब गले लगाया तो,
दर्द भी मुस्काये,
आँसूं लेकर खुशियाँ बांटे,
वो दिलदार मिला......
तू राज़ी हो, ऐसा तो कभी,
कोई ना काम किया,
ना ही किया कभी जिक्र तुम्हारा,
ना गुणगान किया,
फिर भी कभी जब पड़ी ज़रुरत,
तू तैयार मिला.....
तुमने रखी है सर माथे पे,
"सोनू" की हर अर्ज़ी,
पलक झपकते पूरी कर दी,
मेरी हर मर्ज़ी,
रात को देखा ख्वाब भोर मे,
मुझे साकार मिला,
मुझ जैसे नालायक को प्रभु,
तेरा प्यार मिला......
जय श्री श्याम