फागण को महीनो लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,
कोई काम नहीं दूजो बस बोला जय श्री श्याम.....
खाटू की नगरिया सजगी निराली जी,
गलियां गालियां गूंजे म्हारे श्याम धणी रो नाम.....
बेगा सा चालो श्याम धणी के द्वार,
बाबो बैठ्यो बैठ्यो जोवे टाबरिया री बाट.....
ऐसो तो नज़ारो देख्यो सुन्यो ना कोई द्वार,
है स्वर्ग से भी सुन्दर म्हारे श्याम धणी रो धाम......