साई तुम हो भोला भंडारी तुम ही शिव त्रिपुरारी,
हम सब उतारे तेरी आरती,
राम तुम्ही हो श्याम तुम ही हो तुम्ही हो शिव अवतारी,
चिलम है शोभा हाथो की कफनी शान है तेरी,
राम तुम ही हो श्याम तुम ही हो तुम ही हो शिव अवतारी,
चिलम है शोभा हाथो की कफनी शान है तेरी,
साई जग के हो पालन हारी सब के हो सिरजन हारी,
हम सब उतारे तेरी आरती....
श्रद्धा सबुरी माह मंतर है देते साई नाथ,
भेद भाव न जाने साई रहते सबके साथ,
भक्तो देखो तुम गौर से साई बोलो जय गुरु वर साई,
हम सब उतारे तेरी आरती,
पानी से दीपक जलाये चमके द्वारका माई,
साई धाम में मिलते है बोले राम कनाई,
जिसके दिल में हो साई भक्ति बाबा देते है शक्ति ,
हम सब उतारे तेरी आरती,