ना भीच समज ता है ना धाम समजता है
मेरा साईं शिर्डी वाला बस भाव समजता है
कन कन में है वास साईं का सारे जग में सस्ता,
साईं राम की मर्जी के बिन हिल नही सकता पता
शिर्डी में बैठा सब का ये हाल समजता है
मेरा साईं शिर्डी वाला बस भाव समजता है
सुख दुःख की चक्की में ये भगतो का संकट काटे
दूर करे दुःख साईं मेरा खुशियाँ सब में बांटे
बड़ा दयालु सब के दिल का गाव समजता है
मेरा साईं शिर्डी वाला बस भाव समजता है
अगर पाना है साईं को तो साँची प्रीत लगा ले
सोरव मधुकर के संग तू भी जय जय साईं गा ले
तेरा इस से है कितना लगाव समजता है
मेरा साईं शिर्डी वाला बस भाव समजता है