पौना हारिया नी मैं खुशि च निहाल हो गया,
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया॥
रहन नहीं ओ दितियाँ तु खुशियाँ अधुरियाँ,
चाह सारे पुरे रिझा कितियाँ तु पुरियाँ,
मेरा हर ईक पुरा सवाल हो गया,
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया ॥
पैर पैर ऊते मेरी रखी तु लाज ऐ,
बछडे तेरे नु तेरे ऊते बडा नाज़ ऐ,
ऐ करिशमा ता बड़ा ही बेमिसाल हो गया,
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया॥
चार चन लाऐ तु मेरी उमिद नु,
चरणा च रखी अरमान जीत नु।
विक्की अलबेला तेरा मालो माल हो गया
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया ॥