नी मै अखा विच कजरा ना पावा,
के अखा विच श्याम वसदा,
उसदे रावा विच नैन बिछावा,
के अखा विच श्याम वसदा.....
श्याम दे रंग विच गई मै रंगी नी,
श्याम नाल वायाही मै श्याम नाल मंगी नी,
नी मै गिरधर गिरधर गावा,
के अखा विच श्याम वसदा.....
श्याम नु बुलाया ओ होले होले हसदा,
दिल मेरा उसदे वाल फेर फेर नसदा,
नी ओ हसदा ते मै मुस्कावा,
के अखा विच श्याम वसदा.....
श्याम दी याद विच सुध बुद्ध खो गई,
श्याम मेरा हो गया मै श्याम दी हो गई,
उसदी केहड़ी केहड़ी सिफ़त सुनावा,
के अखा विच श्याम वसदा......