राम कृष्ण गोविन्द,बम्म भोले आओ ।
दुर्गे भवानी मैया , भोग लगाओ।।
पूजा पाठ जप ध्यान कियो है,
कथा कीर्तन गुणगान कियो है।
स्वीकार करके शरण में लगाओ - दुर्गे भवानी मैया ....
बात निहारें तोरी भगत प्यारे ,
लगी भीड़ भारी मैया तेरे द्वारे।
रहमत के जलवे बरसाते आवो - दुर्गे भवानी मैया ....
शबरी सुदामा विदुरानी से देखे ,
प्रबल प्रेम में पड़ गए भुलेखे।
फिर भाव की वोही गंगा बहावो - दुर्गे भवानी मैया ....
बड़े प्रेमसे हम पदार्थ यह लाये ,
चाखो मैया जी अमृत बन जाए।
रस नाम का जन "मधुप"को पिलावो - दुर्गे भवानी मैया ....