बाबे नानक दा प्रकाश पुरब है आया

          प्रकाश पुरब दी लख लख बधाई

       ( बाबे नानक दा प्रकाश पुरब है आया )

वजन बधाइयां ,खुशियां छाइयाँ ,आ गए तारनहार।
               जोत एलाही ने जग विचों ,मेट दिता अन्धकार।
सच्चा सतगुरु पीर पातशाह ,सच्च दा करे वपार।
              कहै ‘मधुप’ करां की वड्डियाईयां ,गुरु नानक अवतार।।
     
         बाबे नानक दा प्रकाश पुरब है आया।

सतगुरु नानक दा  प्रकाश पुरब है आया।
           मिट गया अन्धकार ते सारे जग विच चानन छाया।।
कल्युग दा उद्धार करन लइ ,सतगुरु नानक आया।
          पिता श्रीमैहता कालू रब्ब दा ,लख लख शुक्र मनाया।।
भैंण नानकी वारे जावे ,वीरा घर विच आया।
  बाबे नानक दा....

ननकाना साहिब विच लीता ,गुरु नानक अवतार।
         माता तृप्ता दी गोदी विच ,खेड़ रिहा करतार।।
देन बधाइयां संगतां आइयाँ,घर घर आनंद छाया।।
    बाबे नानक दा....

निराकार दी जोत एलाही ,नूर मारे चमकारे।
         संत भगत जन ख़ुशी मनावन ,बार बार बलिहारे।।
धरती दा दुःख दूर करन लई ,तारनहारा आया।
   बाबे नानक दा....

बाबे नानक नाल ही प्रगटी ,सच्ची गुर दी वाणी।
         गुरवाणी सुन मिले शान्ति ,शक्ति मिले रूहानी।।
दास ‘‘मधुप’’ कर दर्शन सतगुरु ,सफल बनालो काया।
   बाबे नानक दा....  ।
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