चलो रे भक्तों चलो बालाजी के धाम
बैठें है जहाँ करने को जगत कल्याण
अर्जी लिख लो एक उनके तुम नाम
चलो रे भक्तों चलो बालाजी के धाम
दरबार से इनके कोई खाली नहीं जाता
मन की मुरादें वह सदा पूरी हुई पाता
श्रद्धा से ले जो आके चरणों को थाम
बैठें है जहाँ करने को जगत कल्याण
अर्जी लिख लो एक उनके तुम नाम
चलो रे भक्तों चलो बालाजी के धाम
नाम जो विचारे उसे डर नहीं सताता
संकट मोचन है सारे संकट मिटाता
मिटा देता है जो सबके कष्ट तमाम
बैठें है जहाँ करने को जगत कल्याण
अर्जी लिख लो एक उनके तुम नाम
चलो रे भक्तों चलो बालाजी के धाम
जो राम को भजे वो ही इन्हें लुभाता
राजीव सदा अमिट फल वो पाता
हृदय में बसे हैं जिनके सिया राम
बैठें है जहाँ करने को जगत कल्याण
अर्जी लिख लो एक उनके तुम नाम
चलो रे भक्तों चलो बालाजी के धाम
©राजीव त्यागी