तरज़ : हुस्न पहाड़ों का,क्या कहना के बारहों महीने यहाँ मौसम जाड़ों का
प्रेम नगर मत जाना मुसाफिर,
प्रेम नगर मत जाना
1.प्रेम नगर पथं कठिन है,
ऊंचे शिखर ठिकाना मुसाफिर
प्रेम नगर....
2.प्रेम नगर की नदिया गहरी,
लाखों लोग डुबाना मुसाफिर
प्रेम नगर....
3.प्रेम नगर की सुंदर परियां,
सब जग देख लुभाना मुसाफिर
प्रेम नगर....
4.ब्रम्हानंद कोई बिरला पहुंचें,
पावे पद निराला मुसाफिर
प्रेम नगर मत जाना मुसाफिर,
प्रेम नगर मत जाना
श्री हरिदास निष्काम संर्कींतन