मैं देखु जिस और सखी री सामने मेरे सांवरियां,
प्रेम ने जोगन मुझको बनाया,
तन को सीचा मन को जलाया,
प्रेम के दुख मे डूब गया दिल,
जैसे जल मे गागरियां,
सामने मेरे सांवरियां......
दुनिया कहती मुझको दिवाना
कोई ना समझे प्रेम की बानी,
कैसे बताऊ कैसे बिछडी
पी के मुख से बांसुरियां
सामने मेरे सॉवरियॉ....
रो रो कर हर दुख सहना है,
दुख सह सह कर चुप रहना है,
कृष्णा कृष्णा रटते रटते,
मैं तो हो गई बॉवरियॉ ,
सामने मेरे सॉवरियॉ.....
गायक रसीद मयूर इटावा राजस्थान
पैड प्लेर रहीस मयूर इटावा राजस्थान
9785090030,9829962362