हमको बैकुंठ बुला लो

हमको बैकुंठ बुला लो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

रो रो के कहते हैं चंदा और सूरज, सालों में लगते हैं ग्रहणा के मूरत
आकर के कष्ट मिटा दो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

रो रो के कहते हैं गंगा और जमुना, ऊपर से चलती है रेलों की पहिया
आकर के भार संभालो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

रो रो के कहती हैं गौएं बेचारी है गर्दन
पे चलती हैं छुरी कटारी
आकर के प्राण बचा लो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

रो रो के कहती हैं द्रोपदी बेचारी, सभा बीच खींची है साड़ी हमारी
आकर के लाज बचा लो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

हमको बैकुंठ बुला लो ओ कन्हैया बांसुरी वाले

श्रेणी
download bhajan lyrics (11 downloads)