श्याम अखाड़ों की मर्यादा फिर पहले से ला दो ना
ज्योत जगे बाबा थी पावन जिसमे आप विराजो ना
श्याम अखाड़ों की मर्यादा.................
जाने कैसे भक्त थे वो बाबा को कैसे रिझाते थे
सुन कर करुण पुकार को उनको सांवरिया चले आते थे
उसी भाव को मुझमे बाबा थोड़ा सा तो जगा दो ना
श्याम अखाड़ों की मर्यादा.................
मोरछड़ी के झाड़े से हर बिगड़ी बात संवरती थी
संवारिये की कृपा सब पर अविरल सदा बरसती थी
शक्ति अपरम्पार प्रभु तेरी नादानो को दिखा दो ना
श्याम अखाड़ों की मर्यादा.................
तुझ पर ये विश्वास ये अटल है वक़्त प्रभु वही आएगा
श्याम नाम की महिमा को जब हर एक प्राणी जाएगा
गुड़िया के इस सपने को प्रभु अब साकार बना दो ना
श्याम अखाड़ों की मर्यादा.................