फर फर फर फर फर फर फर फर फर फर उड़े रे चुनरिया।मेरी माँ की उड़े रे चुनरिया।
आओ भक्तों कर लो आरती दर्शन दे रही मैया।
कान में सुन्दर कुण्डल सोहे नाक में नथनी प्यारी।
सूरज चंदा भी शरमाये ऐसी सूरत प्यारी हो।
झिल मिल झिल मिल झिल मिल झिल मिल झिल मिल चमके मुकटिया मेरी माँ की चमके मुकटिया।
आओ भक्तों......
किसी हाथ में चक्र धरा है किसी हाथ तलवारी।
ऐसा सुन्दर रूप सजा है जाए दुनिया वारी।
खन खन खन खन खन खन खन खन खन खन खनके कंगनियाँ मेरी माँ की खनके कंगनियाँ।।
आओ भक्तों......
पर्वतों से होकर आई अनुरोध मेरी मैया।
झूम झूम कर चली है मैया झूमे सारी दुनियाँ।
छम छम छम छम छम छम छम छम छम छह बाजे पैजनियाँ मेरी माँ की बजे पैजनिया।
आओ भक्तों......
रचना-रामश्रीवादी अनुरोध
आष्टा मध्यप्रदेश