मोर मुकुट को सज़ा कर सर पे श्याम आ गए

मोर मुकुट को सज़ा कर सर पे श्याम आ गए,
कलयुग के अवतार श्याम जी सबको भा गये,

कृष्ण कन्हैया को अजरज में बर्बरीक ने था डाला,
एक बाण से पीपल के सारे पतों को भेदा,
कैसी लीला महिमा देखो बाबा दिखा गये,
मोर मुकुट को सज़ा कर सर पे श्याम आ गए

कृष्ण कन्हैया के  चरणों में जब है शीश चढ़ाया,
मेरे खाटू राजन ने तब श्याम नाम है पाया,
देकर शीश का दान वो त्रिवउवन पे छा गये,
मोर मुकुट को सज़ा कर सर पे श्याम आ गए ,

पुष्प सुगंद से क्यों न मेहके,
बाबा का दरबार फूल और धी से होता है बाबा का शृंगार,
रंग बिरंगी फूलो से सब भूपी को भा गये,
मोर मुकुट को सज़ा कर सर पे श्याम आ गए

download bhajan lyrics (889 downloads)