ठेहर जाए मानव कहा जा रहा है

ठेहर जाए मानव कहा जा रहा है
साईं दर में आ क्यों भटकता फिरा है
ठेहर जाए मानव कहा जा रहा है

कर्म तेरा तुझको है डूबाये,
फिर क्यों पाप में हाथ रमाये
कल की करले तू जो चिंता
आत्मा तेरी मुकत हो जाए
फिर क्यों भटकता
क्यों है भेह्कता सुन्दरता मन की क्यों घटाए
ठेहर जाए मानव कहा जा रहा है

भाग रहा है दुनिया दुनिया का बस साईं को वक़्त नही है
जुआ तेरा जीवनं नशा तेरी शाम तेरा जीवन धुएं समान
खुद के जीवन के को लुटेरे धन तेरा ही लुटा जा रहा है
ठेहर जाए मानव कहा जा रहा है

श्रेणी
download bhajan lyrics (769 downloads)