शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो,
वो पास खड़ा मिल जायेगा,
खुद अपने से मिलवायेगा,
शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो,
हर भोज उतर ता जायेगा,
हर पल साई का जाप करो,
ना पड़े जरुरत कहने की,
जो करना है अपने आप करो,
जब आ पहुंचे हो बाहर तक,
तो अंदर का घर देखो तो,
वो पास खड़ा मिल जायेगा,
खुद अपने से मिलवायेगा,
शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो,
ये मार्ग है जिसको शरधा की कलियों से सजाना पड़ता है,
कुछ खुद भी जागना पड़ता है,
ओरो को जगाना पड़ता है,
दुनिया में रह कर देख चुके दुनिया से हट कर देखो तो ,
वो पास खड़ा मिल जायेगा,
खुद अपने से मिलवायेगा,
शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो,
तुम जिसको खोज ते उसकी पहचान जरुरी होती है,
लेकिन हर खवाइश राही की विश्वाश से पूरी होती है,
सिर्फ एक किनारा कुछ भी नहीं तुम सारा समंदर देखो तो,
वो पास खड़ा मिल जायेगा,
खुद अपने से मिलवायेगा,
शिरडी तुम्हारे अंदर है तुम दिल के अंदर देखो तो,