सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार माता रानिए।
कर दे दया की नज़र इक बार माता रानिए॥
क्या गम है कैसी उलझन जप सर पे तेरा हाथ है,
हर दुःख में हर संकट में माता तू हमारे साथ है।
तू प्यारी माँ और जग तेरा परिवार माता रानिए॥
इक दो नहीं लाखो यहाँ आये बना कर टोलिया,
अपनी जुबा खोले बिना भर कर गए हैं झोलिया।
हर सुख मिलता है कर केतेरा दीदार माँ, माता रानिए॥
तेरी दया की इक बूँद भी ममता का एक सागर बने,
पत्थर कई हीरे माँ दर को तेरे छू कर बने माँ।
जन जन पे माँ है तेरा बड़ा उपकार माँ, माता रानिए॥