दीनों का दुखड़ा जो तू न सुनेगा

दीनों का दुखड़ा जो तू न सुनेगा,
सोचो जरा श्याम सारा जग क्या कहेगा,
दीना नाथ ऐसी बात कैसे तू साहेगा,

जग को चलाने वाले कैसे चुप चाप हो,
हारे को सहारा देने वाला खुद आप हो,
कुछ तो विचारो क्या करना पड़े गा,
सोचो जरा श्याम सारा जग क्या कहेगा,
दीना नाथ ऐसी बात कैसे तू साहेगा,

डर ता हु दुनिया में हॉवे न हसाई,
देने के नाथ कैसी की निठुराई,
बाजिब है जो वो बताना पड़े गा,
सोचो जरा श्याम सारा जग क्या कहेगा,
दीना नाथ ऐसी बात कैसे तू साहेगा,

समय पे की प्रभु बात कुछ और है,
तेरे आगे चलता न मेरा कोई जोर है,
संकट ये मेरा तुमको हरना पड़े गा,
सोचो जरा श्याम सारा जग क्या कहेगा,
दीना नाथ ऐसी बात कैसे तू साहेगा,

हसी है तुम्हारी भी ये मन में विचार लो,
सारी बाते सोच कर के पलके उगाड लो,
संवर तेरा है बाबा तेरा ही रहे गा,
सोचो जरा श्याम सारा जग क्या कहेगा,
दीना नाथ ऐसी बात कैसे तू साहेगा,
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