आयु तेरी बीत रही है कुछ तो सोच विचार,
जन्म ये मिले ना बारम्बार....
माया का ये पिंजरा मानव निश दिन होता जाये पुराना,
जीवन पंशी बड़ा सयाना इक दिन इसने है उड़ जाना,
जाके फिर ना आयेगा जब छोड़ गया संसार,
जन्म ये मिले ना बारम्बार....
सच बता कभी हरी गुण गाया नेक कर्म ना कोई कमाया,
जोड़ जोड़ करी झूठी माया अपना ही जन्म गावया,
रत्न मिला अनमोल था तुझको दिया है इसको हार,
जन्म ये मिले ना बारम्बार....
जीवन सफल बना ले बंदे जग से प्रीत हटा ले बंदे,
क्या मिले दुनिया दारी से प्रीत लगा सतगुरु से बंदे,
समझ उसी को मात पिता बन्धु रिश्तेदार,
जन्म ये मिले ना बारम्बार....