राधा तेरी चुनरी मैं लाल रंग दू,
आजा तेरे गालो में गुलाल मल दू,
कान्हा मुझे ऐसे सताता है क्यों,
रंग गोरे गालो पे लगता है क्यों,
राधा तेरी चुनरी मैं लाल रंग दू...
राधे कन्हैया है तेरा दीवाना,
चल रे झूठ ये है तेरा बहाना,
होली में काहे ववाल करे तू,
आजा तेरे गालो में गुलाल मल दू......
रंग न लगवाए गी तू ठुमके लगाले ,
हम तेरी बातो में ना आने वाले,
गणेश कान्हा से सवाल करे तू,
आजा तेरे गालो में गुलाल मल दू,