जिनका दिल मोहन की चौखट का दीवाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका आशियाना हो गया
बोलो श्याम श्याम श्याम-4
कर लिया दीदार जिसने सांवले सरकार का
बन गया नौकर हमेशा के लिए दरबार का
रोज़ मिलने का प्रभु से ये बहाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका...
ना रही परवाह जगत की और कुछ ना भा रहा
श्याम का श्रृंगार जब आँखों के आगे आ रहा
हल्का सा अंदाज़ उनका आशिकाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका...
सांसों की सरगम थिरकती सँवारे के नाम से
मन के सांसों पर तराने श्याम के बस श्याम के
उनका दीवाना तो संजू ये ज़माना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका...