मिन्दर थारो सोवणो धजा ऊङे असमान,
दुखिया आवे द्वार पे मा धरे आपरो ध्यान,
आसावरा धणियोणी मोटो देवरो ए माँ ,
म्हारी आवरी माताजी रो सुन्दर देवरो ए माँ,
थारा मिन्दरिया मे ,
थारा देवलिया मे जागी जगमग ज्योत ए भवानी
मोटो देवरो ए माँ ।
थारा माथा ऊपर चुनरी हद सोवणी ए माँ
थारे नाका माहि नथङी रो शिणगार ए भवानी
मोटो देवरो एक माँ ।
थारे हाथा माहि चुङलो हद सोवणो ए माँ
थारे मिन्दरिया मे जागी जगमग ज्योत ए भवानी
सुन्दर देवरो ए माँ ।
थारे पगल्या माहि पायल हद सोवणी ए माँ
थारे छम छम बाजै बिछीया रो झणकार ए भवानी
मोटो देवरो ए माँ ।
सोला सजी शिणगार आगणं आवजो ए माँ
थारा बालकीया तो जोवे थारी बाट ए भवानी
सुन्दर देवरो ए माँ ।