श्याम से मिलना है तो बंदे चल खाटू में चल,
ओ बन्दु रे श्याम प्रेमियों की रहती है वाहा हल चल,
श्याम से मिलना है तो ......
सच्ची लग्न से जो भी खाटू में जायेगा,
मन की मुरादे वो बाबा के दर से पायेगा,
पल में बदल ता है ये तकदीर काटे दुखो की श्याम हर ज़ंजीर,
ओ प्राणी रे जीवन मे खिल जाये खुशियों कमल,
श्याम से मिलना है तो ....
खाटू नगरिया लागे सपनो की धरती,
जितना भी देखो कभी आँख नहीं भर्ती,
कितनी है सूंदर खाटू की रचना,जो भी देखे खाटू में वसना,
ओ भइया रे बार बार जाने को दिल जाये रे मचल,
श्याम से मिलना है तो .....
भरता है बाबा देखो भक्तो की झोलियाँ समज न पाए मोहन इसकी पहेलियाँ,
शीश का दानी बड़ा दिल दार,
जिसको भो देता बाबा लाख दातार,
ओ बन्दु रे लेने वाले का पड़ जाये छोटा आंचल,
श्याम से मिलना है तो .....