सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर मुझे खाटू बुलाया तेरा शुकरियाँ,
मेरी तुझसे से गुजर रेहमत की नजर तूने ढाली जो मुझपे तेरा शुकरियाँ,
मैं कुछ भी ना था आज जो कुछ बना तूने अपना बनाया तेरा शुकरियाँ,
मेरे बाबा मैं एहसान कितनु गिनु,
हर सांस मेरी तेरे नाम है,
मन हुआ वनवरा मिल गया संवारा और गले से लगाया तेरा शुकरियाँ,
सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर.....
आंख उनकी झुकी जो मिलाते न था,
आंख अपनी कभी भी मेरी आंख से,
ख़ाख़ में था खड़ा तू दयलु बड़ा,
हर नजर में वसाया तेरा शुकरियाँ,
सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर
छूटे न दर तेरा अब कभी सांवरे,
जीना पाएंगे वरना तेरे वनवारे,
प्यार की ये नजर चेतन सब पे कर,
रहे दिल में समाया तेरा शुकरियाँ,
सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर