हर पल हर दिन घटे रे उमेरियाँ,
कब लोगे साई खबरिया,
हे बाबा आया हु शिरडी नगरियां,
मैं अँधा हु बंदा तुम्हरा आखिर हु तेरी आँख का तारा,
दास घणो कहे अब क्या बोलू थक गई मोरी अँखियाँ,
हे बाबा आया हु शिरडी नगरियां,
रेहम नजर करो अब मोरे साई,
तुम बिन नहीं मोरे माँ बाप भाई,
साई बाबा शरण में लेलो,
भाये न ये दुनिया,
हे बाबा आया हु शिरडी नगरियां,
शिरडी का कावा शिरडी है काशी,
तेरी ववुति के हम अभिलाषी,
प्रीत भरी साई मुरली बजा दो,
तुम ही हो घनशयम
हे बाबा आया हु शिरडी नगरियां,