मेरी झोली भर दो,
मेरी झोली भर दो अम्बे माँ,
तेरे द्वार पे बछड़ा आया एक खाली झोली लाया,
मेरी झोली भर दो अम्बे माँ.....
बार बार मैं विनती करता तुझसे माँ झंडे वाली जी,
मस्तक रेखा तू तो बदल दे तुझसे ही आस लगाई माँ ,
मेरी झोली मेहरा ढाल दे मुझे अड़धन का तू दान दे,
मेरी झोली भर दो.......
इक दो नही कई भक्त हजारा दर पे खड़े ला कटारा,
अन्या नु तू नेत्र देवे कोड़ी नु देवी तू काया,
निर्धन को माया देती उतो कोडी को क्या देती,
मेरी झोली भर दो...
सखनी झोली अड़ खलोते माँ तेरे बछड़े निमाने,
तेठो मेरी अर्ज एही है गोदी में बिठा के मुझे प्यार दे,
मेनू हीरे मोती नही चाहिदे मेनू मावा वाला प्यारा दे,
मेरी झोली भर दो......