मेरी माँ से तू कहदे विनती मैं करता हु,
श्रधा से आया मैं भगती से आया मैं आया द्वारे तेरे पूजा करने,
मेरी माँ से तू कहदे विनती मैं करता हु,
जगराता करू मेरी माता का ध्यान धरु मेरी माता का,
पैर भरू मेरी माता का,
श्रधा भक्ति से मैं आ जाऊ,
द्वार तेरे द्वार तेरे,
मेरी माँ से तू कहदे विनती मैं करता हु,
लीला है तेरी अप्रम पार दुष्टों का करती है तू संगार,
आती है दुनिया में लेके अवतार आया हु मात मैं तेरे दरबार,
दर्शन बिना है सुना जग संसार,
मेरी माँ से तू कहदे विनती मैं करता हु,
शिर्स्ती में कैसी ये हल चल आई,
माँ शेरोवाली जगराते आई,
अधि शक्ति का है एसा अवतार देवता भी कर ना सके विस्तार,
देना तू एसा वर्धन मैं हमेशा रहू तेरे चरणों में,
मेरी माँ से तू कहदे विनती मैं करता हु,