आ जा मैया आ जा, तेरा बेटा तुझे बुलाता है।
द्वार खड़ा फैलाये झोली, दुखड़े तुझे सुनाता है।
भटक रहा दर-दर की ठोकर खाता ज्यों अंगारों में,
लगी डूबने जीवन की नैया आ के मँझधारों में।
कहाँ जाऊँ हारा मन सोचे, समझ नहीं कुछ आता है,
आ जा मैया आ जा, तेरा बेटा तुझे बुलाता है।
झर-झर बहते नैन हैं निशिदिन, भरने लगी हताशा माँ,
सुना बहुत से पूरी करती तू जन-जन की आशा माँ।
ले उम्मीद बड़ी तेरे चरणों में शीश नवाता है,
आ जा मैया आ जा, तेरा बेटा तुझे बुलाता है।
नहीं सुनेगी अगर तू मेरी, बोल कहाँ मैं जाऊँगा,
पटक-पटककर शीश तेरे मंदिर में ही मर जाऊँगा।
माँ-बेटे का होता जग में दिल का पावन नाता है,
आ जा मैया आ जा, तेरा बेटा तुझे बुलाता है।