माहरी शेरोवाली मइयां दुखड़े काटे गी,
ज्योत जगना झोली फैला लो खुशियां बांटे गी,
मेरी मइयां शेरावाली दुखड़े काटेगी,
तेरे धाम की रौनक मोह ले अज़ाब नजारे ने,
ख़ुशी मिली तेरे दर पे आके किस्मत हारे ने,
ज्योत जला लो झोली फ्ला लो खुशिया बांटेगी,
मेरी मइयां शेरावाली दुखड़े काटेगी,
बनके मोरनी नाचू मइयां तेरे भवन पे,
हाथ मेरा न छोड़े गी है विशवाश तेरे पे,
ज्योत जगा लो झोली फैला लो खुशिया बांटे गी,
मेरी मइयां शेरावाली दुखड़े काटेगी,
गम क्र दो सबके मन की जैसी जिसकी चाहना है,
तेरे गावे भजन स्वामी लिखता स्तन खटाना है,
ज्योत जला जो झोली फैला लो खुशिया बांटे गी,
मेरी मइयां शेरावाली दुखड़े काटेगी,