बुलावा आ गया भगतो चलो दरबार पे जाना है,
ऊंचे भवनों वाली माता रज रज दर्शन पाना है.
बुलावा आ गया भगतो चलो दरबार पे जाना है,
ऊंचे पर्वत कठिन चढ़ाई देख के तन मन डोले,
बांह पकड़ के ले जाती है जो जय माता की बोले.
पान सुपारी ध्वजा नारियल चरनी भेटि चढ़ाना है,
बुलावा आ गया भगतो चलो दरबार पे जाना है,
जय माता दी करते करते गर्ग जून है आई,
हाथी मथा साजि छत की चढ़ जाओ कठिन चढ़ाई,
जा कर फिर दरबार के अंदर पिंडी दर्शन पाना है,
बुलावा आ गया भगतो चलो दरबार पे जाना है,
माँ चरणों में गंगा बहती द्वार के अज़ाब नजारे,
करलो दर्शन माँ आंबे के बैठी खोल भंडारे,
भैरो दर्शन करके जीवन नेक बनाना है,
बुलावा आ गया भगतो चलो दरबार पे जाना है,