कन्हैया मोको मार गयो नजर कटारी,
नजर कटारी हो नजर कटारी,
हसी मुस्काई लगाई है उर विच घ्याल यु कर घाली,
मोको मार गयो नजर कटारी,
कोटिक भेद करी करी ओशद,
कोकीन लागत कारी,
मोको मार गयो नजर कटारी,
वेद मिळत ब्रिज राज बंसी धर,
एहलम करत हमारी,
मोको मार गयो नजर कटारी,
देवा नन्द कहे वीर करत,
तब नटवर नजर निहारी,
मोको मार गयो नजर कटारी,