सांसो की माला पे सिमरु मैं साईं नाम,
साईं को जपते जपते गुजरे मेरे शुबह हो शाम,
साईं के सहारे मेने छोड़ी अपनी जीवन डोर,
मेरी नैया जाने दुबे जाने उतरे पार,
सांसो की माला पे सिमरु मैं साईं नाम.......
साईं के रंग में एसी डूबी हो गई एक ही रूप,
साईं चरणों में आया मेरी रूह को आराम,
सांसो की माला पे सिमरु मैं साईं नाम.......
साईं शरण में जो कोई आवे होता है उधार,
करता है जब मेरा साईं जब सागर का बचाव,
सांसो की माला पे सिमरु मैं साईं नाम.......